भारत की सेना
सीमा पर है ना
झोंका भी मजाल है आए अंदर
तन में माटी मन में फौलाद
भारत माँ के वो औलाद
गूंजे आसमान
के उड़ रहे विमान
मचले जहाजों के तले समंदर
ऊपर वज्रपात निचे शंखनाद
भारत माँ के वो औलाद
अभ्यन्तर बाकी
पर है ना खाकी
गांव, गली, घर, बाजार, बंदर
खाखी है कवच तो आबाद
भारत माँ के वो औलाद
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